A REVIEW OF DOSTI SHAYARI

A Review Of dosti shayari

A Review Of dosti shayari

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दिल के दरवाजो को हमेशा ही खुला रखती हूँ !

दिल के पास आपका घर बना लिया, ख्वाबों में आपको बसा लिया, मत पूछो कितना चाहते हैं आपको, आपकी हर खता को अपना मुक्कद्दर बना लिया।

तेरी दोस्ती के लिए अपना दिल तोड़ सकता हु लेकिन अपने दिल के लिए तेरी दोस्ती नहीं तोड़ सकता.

सब रिश्तों से प्यारी है दोस्ती तुम्हारी,

Teri dosti mein khud ko mehfooz maante hain, Hum doston me tumhe sabse azeez maante hai.Teri dosti ke saaye mein zinda hain, Hm to tujhe khuda ka diya hua tabeez mante hai.

कम्बख्त ये दोस्त कभी बूढ़ा नहीं होने देते।

किसीने पूछा मुझसे मेरा पसंदीदा त्यौहार,

Naseeb mera Q mujse khafa ho jata h, Apna jisko B mano bewafa ho jata h, Q na ho shikayat meri nazro ko raat se, Sapna pura hota nhi or sawera ho jata h..

दोस्ती सच्ची प्रीत है जुदाई जिसकी रीत है।

क्यूँ click here सारे ग़मों को बाँट लेते हैं दोस्त

हमे तो सालों लगे हैं आप जैसा दोस्त पाने में।

क्यूँ की सबसे ज्यादा प्यार दोस्ती में होता हे.

मगर ए दोस्त तू क्या जाने, दोस्ती की कड़ी,

तुम्हारे बिना चिरागों में रौशनी न रहेगी

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